Wednesday, November 6, 2013

IM का नया ठिकाना

IM का नया ठिकाना रांची इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बन चुका है। यहां आतंकीयों को ट्रेनिंग के साथ-साथ टाइमर बम बनाने के गुर सिखाए जाते हैं। इंडियन मुजाहिदीन का कई जिलों में अपना नेटवर्क फैला चुका है। यह सब अचानक नहीं हुआ लंबे समय से इस बात के संकेत मिल रहे थे कि झारखंड आतंकियों के लिए सुरक्षित जगह बनता जा रहा है। आतंकी संगठनों के लोग यहां आते हैं। आतंकियों को झारखंड के कुछ भटके हुए लोगों का संरक्षण मिलता है। पटना सीरियल बम ब्लास्ट से पहले झारखंड में आतंकियों के खिलाफ जो भी कार्रवाई हुई, वह सभी बाहर की पुलिस या आइबी के स्तर से की गयी। किसी भी मामले में झारखंड पुलिस की दिलचस्पी नहीं के बराबर रहती थी। बाहर से आनेवाली पुलिस को सिर्फ जांच में किया जाता था। * साल 2003 अंसल प्लाजा ब्लास्ट दीपावली के दो दिन पहले आतंकियों ने दिल्ली के अंसल प्लाजा में बम विस्फोट किया था। लश्कर-ए-तैयबा नामक आतंकी संगठन ने विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी। धमाके के आरोपी शाहनवाज को पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था। बाद में पता चला कि शाहनवाज जमशेदपुर में रह रहा था और जमशेदपुर में रह कर उसने न सिर्फ ड्राइविंग सीखी, बल्कि ड्राइविंग लाइसेंस भी बनवाए थे। शहनवाज़ के मारे जाने के बाद पुलिस को उसकी जेब से ड्राइविंग लाइसेंस मिला था। * 22 जनवरी 2002 कोलकाता अमेरिकन सेंटर के सामने ब्लास्ट हरकत-उल-जिहाद अल इस्लामी आतंकी संगठन के आतंकियों ने कोलकाता स्थित अमेरिकन सेंटर में ब्लास्ट किया था। इसमें चार पुलिसकर्मी और एक निजी सुरक्षाकर्मी मारे गये थे। घटना में 20 लोग घायल हुए थे। घटना की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम कर रही थी। घटना के चार दिन बाद यानि 26 जनवरी को सुबह इस टीम ने हजारीबाग के खीरगांव में छापामारी की। छापामारी के दौरान हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गिराये गये। दोनों की पहचान सलीम व जाहिद के रूप में हुई। उस वक्त हजारीबाग में दोनों आतंकियों के स्थानीय नेटवर्क के बारे में कई अहम जानकारी मिली, लेकिन गंभीरता से जांच नहीं होने से मामला दब गया। साल 2008 सिमी का ट्रेनिंग कैंप केरल के अर्रकनाकुलम में साल 2008 में इंडियन मुजाहिदीन का ट्रेनिंग कैंप लगा था। सुरक्षा एजेंसियों को कैंप से जुड़े कुछ दस्तावेज हाथ लगे थे। इसके बाद यह तथ्य सामने आया था कि रांची के बरियातू का रहने वाला मंजर इमाम और दानिश भी ट्रेनिंग कैंप में शामिल हुआ था। आइबी ने रांची पुलिस को इसकी सूचना दी थी। पुलिस ने दोनों युवकों के घर का पता लगाया था। रिपोर्ट भेज दी थी कि दोनों लंबे समय से रांची में नहीं रह रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में कोई दिलचस्पी नहीं ली। लंबे समय तक पीछा करने के बाद एनआइए ने दोनों को गिरफ्तार किया। साल 2011 भोपाल में छह किलो सोना की लूट भोपाल में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों ने मण्णापुरम गोल्ड फाइनांस कंपनी के ऑफिस में धावा बोला था। आतंकियों ने छह किलो सोना लूट लिया था। इस दौरान एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी थी। पुलिसिया जांच के दौरान घटना में इंडियन मुजाहिदीन का भोपाल सरगना डॉ अबू फैजल व इकरार शेख की संलिप्तता का खुलासा हुआ था। पता चला कि घटना के बाद दोनों दो महीने तक जमशेदपुर में रहे. इस दौरान रांची के बरियातू इलाके का दानिश और मंजर की मदद से जमशेदपुर के जाकिर नगर में एक मकान खरीद कर रह रहा था। गैस कनेक्शन लिये और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाये. दोनों की गिरफ्तारी के बाद भोपाल पुलिस ने जमशेदपुर के जाकिर नगर के घर में छापामारी की थी, जहां से तीन किलो सोना बरामद हुआ था। साल 2012 हजारीबाग से एक गिरफ्तार नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) की टीम ने 29 फरवरी 2012 को हजारीबाग में आइएम सदस्य के होने की सूचना पर छापामारी की। टीम ने इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी होने के आरोप में पीर मुहम्मद को गिरफ्तार किया था। पीर मुहम्मद के खुलासे पर पुलिस ने दूसरे आतंकी को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। 27 अक्तूबर 2013 : पटना ब्लास्ट इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) के आतंकियों ने 27 अक्तूबर को पटना के गांधी मैदान में सीरियल बम ब्लास्ट किया। घमाके की जगह से ही पुलिस ने रांची के आतंकी इम्तियाज और विस्फोट में घायल आतंकी तारिक उर्फ एनुल (अब मृत) को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आतंकियों ने न सिर्फ विस्फोट में अपनी संलिप्तता स्वीकार की, बल्कि आइएम के रांची कनेक्शन की बात भी पुलिस को बतायी। इसके बाद एनआइए और रांची पुलिस द्वारा की छान-बीन से साबित हुआ है कि रांची आइएम का हब बन गया है। यहां आतंकी और बम दोनों बनाये जाते हैं। मुजिबुल्ला के साथ इम्तियाज भी आरोपी रांची का हिंदपीढ़ी इलाके के इरम लॉज से बरामद विस्फोटकों की जांच के बाद बीते मंगलवार यानि 10 नवंबर को हिंदपीढ़ी थाना में धुर्वा थानेदार बीएन सिंह के बयान पर मामला दर्ज कर लिया है। मामले में मुजिबुल्ला अंसारी, सलीम अंसारी, और पटना सीरियल ब्लास्ट में गिरफ्तार इम्तियाज को अभियुक्त बनाया गया है। केस की जांच का जिम्मा कोतवाली डीएसपी को दिया गया है। पुलिस के मुताबिक सभी के खिलाफ 17 सीएलए एक्ट, यूएपी एक्ट और विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक पटना सीरियल ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार इम्तियाज के पास से एक मोबाइल नंबर बरामद हुआ था। जब उस मोबाइल नंबर की जांच हुई। तो जानकारी मिली कि मोबाइल नंबर मुजिबुल का है। जांच के दौरान यह भी पता चला कि मुजिबल इरम लाज में रहता है। उसके कमरे में उसका साथी सलीम अंसारी भी रहता है। पुलिस ने मुजिबल अंसारी की तलाश में लॉज में छापेमारी की तो वहां से पुलिस को 9 जिंदा बम के साथ विस्फोटक सामान मिले। जांच ऐजेंसियो के मुताबिक अभी सिर्फ इन्हीं तथ्यों और लॉज से बरामद सामान के आधार पर ही मामला दर्ज किया। जांच के दौरान पूरे मामले से जुड़े तकरीबन 120 लोगों की तलाश की जा रही है। सलीम ही आइएमए का हैदर : पुलिस के मुताबिक लॉज के कमरे से मुजिबुल और सलीम के वोटर आइकार्ड भी मिले हैं। लेकिन जांच में जो बाते सामने आयी है। उसके मुताबिक सलीम ही इंडियन मुजाहिदीन का हैदर हो सकता है। हैदर अपना पहचान छिपाने के लिए सलीम के नाम पर पहचान पत्र बनवा कर मुजिबुल के साथ रहता था। इसलिए वोटर कार्ड की भी जांच होगी कि वह असली है नकली। रांची के हिंदपीढ़ी में मुजिबुल के परिवार वालों को पूछताछ के बाद छोड़ा एनआइए की टीम ने मंगलवार की शाम पूछताछ के बाद मुजिबुल के घरवालों को छोड़ दिया। पूछताछ के दौरान एनआइए को बताया कि मुजिबुल पिछले एक साल से हिंदपीढ़ी इलाके में लॉज में रहता था। अंतिम बार बकरीद में घर वापस आया था। इसके बाद वह कभी घर नहीं आया। हिंदपीढ़ी में रहने से पहले इधर- उधर जाया करता था. लेकिन कहां- जाता था और क्या करता था। इसके संबंध में वह कभी परिवार वालों को जानकारी नहीं देता था। पुलिस ने दोनों को सोमवार की रात पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। रांची के ओरमांझी गयी एनआइए की टीम नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) की टीम मंगलवार को दिन के करीब 1.00 बजे ओरमांझी के चकला स्थित मुजिबुल के घर पहुंची। टीम ने मुजिबुल के घर के भीतर जाकर कमरों की तलाशी ली। टीम ने आसपास के लोगों से बात की. लोगों से मुजिबुल की गतिविधियों की जानकारी ली. टीम करीब 10 मिनट रुकी. बड़ा सवाल कब जागेगी झारखंड पुलिस..????

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